________________ SSETTEERSSETTER जीव विचार प्रकरण ARTHRITIES भ्रमरा - भूमर, भौंरा य - और .. भ्रमरिया - भ्रमरिका, बरें, ततैया तिड्डा - टिड्डी मच्छिय - मक्खी, मधुमक्खी डंसा - डांस मसगा - मच्छर कंसारी - कांसारिका कविल - मकडी डोलाइ - खडमांकडी, डोलक भावार्थ बिच्छु, ढिंकुण, भ्रमर,भ्रमरिका, टिड्डी, मक्खी, डांस, मच्छर, कांसारिका, मकडी और डोलक आदि चतुरिन्द्रिय जीव है // 18 // विशेष विवेचन प्रस्तुत गाथा में चतुरिन्द्रिय जाति के जीवों के उदाहरण प्रस्तुत किये गये हैं। जिन जीवों के स्पर्शनेन्द्रिय, रसनेन्द्रिय, घ्राणेन्द्रिय एवं चक्षुरिन्द्रिय रुप चार इन्द्रियाँ होती हैं, उन्हें चतुरिन्द्रिय कहते हैं। बिच्छु - ये छोटे-बडे, विषैले - निर्विष एवं अनेक रंगों में पाये जाते हैं। डिंकुण - घुडसाल आदि में पैदा होने वाला जीव / भ्रमर - ये काले-पीले आदि वर्गों मे पाये जाते हैं। फूलों से रस चूसकर जीवन यापन करते हैं। साधु की गौचरी भँवरे के समान कही गयी है क्योंकि जिस प्रकार भँवरा फूलों से थोडा -2 रस ग्रहण करता है, उसी प्रकार साधु भी अलग-२ स्थानों से थोडा-२ आहार-पानी ग्रहण करता है। चित्र : चतुरिन्द्रिय जाति के जीव