________________ - जीव विचार प्रकरण M ETHORE संस्कृत गाथा गर्दभक चौरकीटा गोमय कीटाश्च धान्य कीटाश्च / कुंथु गोपालिका इलिका त्रीन्द्रिया इन्द्र मोपदायः॥१७॥ शब्दार्थ गद्दहय - गर्दभक चोरकीडा - विष्टा के कीडे गोमयकीडा - गोबर के कीडे य - और धन्नकीडा - धान्य के कीडे कुंथु - एक प्रकार का जीव गोवालिय - गोपालिका इलिया - ईलिका, सुरसली तेइन्दिय - श्रीन्द्रिय | इन्दगोवाइ - इन्द्रगोप इत्यादि भावार्थ गर्दभक, विष्टा के कीडे, गोबर के कीडे, धान्य के कीडें, कुंथु, गोपालिका, ईलिका, इन्द्रगोप इत्यादि त्रीन्द्रिय जाति के जीव हैं // 17 // (इन्द्रिय के जीव चित्र : त्रीन्द्रिय जाति के जीव विशेष विवेचन प्रस्तुत गाथा में त्रीन्द्रिय जाति के जीवों के कुछ उदाहरण बताये गये हैं। जिन जीवों के तीन इन्द्रियाँ होती है, उन्हें त्रीन्द्रिय कहा जाता है / त्रीन्द्रिय जीवों के स्पर्शनेन्द्रिय, रसनेन्द्रिय एवं घ्राणेन्द्रिय रुप तीन इन्द्रियाँ होती हैं। गर्दभक- गौशाला आदि की गीली भूमियों में पैदा होने वाला जीव है / यह सफेद रंग का होता है।