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________________ - HERETIREMENT जीव विचार प्रकरण PRESENTS विशेष विवेचन कानखजूरा - ये लम्बे-पतले विषैले जीव होते हैं। खटमल - ये लाल रंग के छोटे-छोटे जीव होते हैं। बिछौने, बिस्तर, पलंग, खाट आदि में पैदा होते हैं। सोने वाले को खतरनाक काटते हैं और खून चूसते हैं। जूं - यह माथे में पसीने, मेल इत्यादि के संयोग से पैदा होती है, यह प्रारंभ में लीख अर्थात् छोटे रुप में होती है। माथे में काले रंग की लीख एवं कपड़ों में सफेद रंग की लीख पैदा होती है, बाद में वह जूं में बदल जाती है। चींटी - ये काली, लाल वर्ण की होती है। लाल रंग की चींटी भयंकर काटती है और वहाँ पर बडा लाल निशान उभर आता है। उदेहि - इसे उधई भी कहा जाता है / कपडे, कागज, काष्ठ इत्यादि में पैदा होकर उन्हें नष्ट कर देती है। चींटा - इसे मकोडा भी कहा जाता है, काले एवं लाल रंग के बड़े आकार में होते हैं। लाल रंग के चींटे का डंक अति तीक्ष्ण होता है / इल्ली - चावल, ज्वार आदि अनाजों में उत्पन्न होने वाला जीव / घृतेलिका - घी में उत्पन्न होने वाले जीव / चर्मयूका - बालों के मूल भाग में पैदा होने वाला यह जीव शरीर/ चमडी से चिपका रहता है एवं भावी कष्ट को सूचित करता है / गोकीट की जातियों - पशुओं के कान आदि में पैदा होने वाले जीव / त्रीन्द्रिय जीवों के भेद गाथा गद्दहय चोरंकीडा, गोमय कीडा य धनकीडा य / कुंथु गोवालिय इलिया तेइन्दिय इन्दगोवाइ // 17 // अन्वय गद्दहय चोरकीडा गोमयकीडा य धन्नकीडा कुंथु गोवालिय इलिया य इन्दगोवाइ तेइन्दिय // 17 //
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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