________________ // 41 // PRITI जीव विचार प्रकरण HTETTES जे पुण इत्थ विसेसा, विसेस-सुत्ताउ ते नेया // 39 // एगिदिया य सव्वे असंख उस्सपिणी सकायम्मि / उववज्जति चयंति य अणंतकाया अणंताओ // 40 // संखिज्ज-समा विगला, सत्तट्ठ-भवा पणिंदि-तिरि मणुआ / उववज्जन्ति सकाए नारय देवा य नो चेव // 41 // दसहा जिआण पाणा, इन्दिय-ऊसास-आउ-बल-रुवा / . . . एगिदिएसु - चउरो, विगलेसु छ सत्त अट्टेव // 42 // असन्नि-सन्नि पंचिदिएसु, नव-दस कमेण बोधव्वा / तेहिं सह विप्पओगो जीवाणं भण्णए मरणं // 43 // एवं अणोरपारे संसारे सायरम्मि भीमम्मि / पत्तो अणंतखुत्तो-जीवेहिं अपत्त-धम्मेहिं // 44 // . तह-चउरासी लक्खा, संखा जोणीण होइ जीवाणं / पुढवाइणं चउण्ह पत्तेयं सत्त सत्तेव // 45 // दस पत्तेय-तरुणं चउदस लक्खा हवंति इयरेसु / . विगलिंदिएसु दो दो, चउरो पंचिंदि तिरियाणं / // 46 // . चउरा-चउरो नारय-सुरेसु मणुआण चउदस हवंति / संपिंडिया य सव्वे, चुलसी लक्खाउ जोणीणं // 47 // सिद्धाणं नत्थि देहो, न आउ-कम्मं न पाण-जोणीयो / साइ-अणंता तेसिं ठिई जिणिंदागमे भणिया // 48 // काले अणाई-निहणे जोणि गहणम्मि भीसणे इत्थ / भमिया भमिहिंति चिरंजीवा जिण-वयणमलहंता // 49 // ता संपइ संपत्ते मणुअत्ते दुल्लहे वि सम्मत्ते / सिरि-संति-सूरि-सिटे, करेह भो उज्जमं धम्मे // 50 // एसो जीव वियारो संखेवरुईण जाणणा हेऊ / संखित्तो उद्धरियो रुद्दाओ सुय - समुद्दाओ // 51 // // इति श्री जीव विचार प्रकरणम् / /