________________ BEHATIRST // 26 // // 27 // / // 28 // // 29 // // 30 // // 31 // TERTAIT जीव विचार प्रकरण एएसिं जीवाणं सरीरमाऊ ठिइ सकायम्मि / पाणा जोणि पमाणं जेसिं जं अत्थि तं भणिमो अंगुल असंख-भागो सरीरमेगिंदियाणं सव्वेसिं / जोयण सहस्स-महियं नवरं पत्तेय-रुक्खाणं बारस जोयण तिन्नेव, गाउआ जोयणं च अणुक्कमसो / बेइन्दिय तेइन्दिय चउरिन्दिय देह-मुच्चत्तं धणुसय पंच पमाणा नेरइया सत्तमाइ पुढवीए / तत्तो अद्धद्धणा नेया रयणप्पहा जाव जोयण सहस्स माणा मच्छा उरगा य गन्भया हुँति / धणुह-पहुत्तं पक्खिसु भुअचारी गाउअ-पहुत्तं खयरा धणुह-पहुत्तं, भुयगा उरगा य जोयण-पहुत्तं / गाउअ-पहुत्त-मित्ता समुच्छिमा चउप्पया भणिया छच्चेव गाउ आइं चउप्पया गब्भया मुणेयव्वा / / कोस तिगं च मणुस्सा, उक्कोस सरीर माणेणं ईसाणंत सुराणं रयणीयो सत्त हुंति उच्चत्तं / दुग-दुग-दुग-चउ-गोविज्जणुत्तरेक्किक्क परिहाणी बावीसा पुढवीए सत्त य आउस्स तिन्नि वाउस्स / वास सहस्सा दस तरु-गणाणं तेउ तिरत्ताउ वासाणि बारसाऊ, बेइन्दियाणं तेइन्दियाणं तु / अउणापन्न - दिणाईं चउरिदीणं तु छम्मासा सुर-नेइयाण ठिई उक्कोसा सागराणि तित्तीसं / चउप्पय तिरिय-मणुस्सा तिन्नि य पलिओवमा हुंति जलयर - उर-भुयगाणं, परमाऊ होई पुव्व-कोडीओ / पक्खीणं पुण भणियो असंखभागो य पलियस्स सव्वे सुहुमा साहारणा य समुच्छिमा मणुस्सा य॥ ... उक्कोस जहन्नेणं अंतमुहुत्तं चिय जियंति ओगाहणाउ-माणं, एवं संखेवओ समक्खायं / // 32 // // 33 // // 34 // // 35 // // 36 // // 37 // // 38 //