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________________ STERTISTS जीव विचार प्रश्नोत्तरी उ. एक अन्तर्मुहूर्त। 263) नारकी के उत्तर वैकिय शरीर की अवगाहना कितनी होती है ? उ. जघन्य से अंगुल का असंख्यातवां भाग और उत्कृष्ट रूप से एक हजार धनुष प्रमाण में उत्तर वैक्रिय शरीर की अवगाहना होती है। प्रत्येक नारकी की जितनी अवगाहना है, उससे दुगुनी उत्तर वैक्रिय शरीर की उत्कृष्ट अवगाहना जाननी चाहिये। 264) नारकी जीवों के कौनसा संघयण होता है ? उ. नारकी जीव संघयण रहित होते हैं। 265) नारकी जीवों के कौनसा संस्थान होता है ? उ. हुंडक संस्थान / 266) नारंकी जीव कितने कषायों से युक्त होते हैं ? ... उ. क्रोध, मान, माया, लोभ रूपी चारों कषायों से युक्त होते हैं। 267) नरक में कितनी लेश्याएँ होती हैं? उ. 1) प्रथम दोनों नरकों में कापोत लेश्या होती हैं। प्रथम नरक की अपेक्षा दूसरी नरक ___ में ज्यादा मलिन होती हैं। 2) तीसरी नरक में कापोत एवं नील दोनों लेश्याएँ होती हैं। 3) चौथी नरक में मात्र नील लेश्या ही होती है जो कि तीसरी नरक की अपेक्षा अधिक ___ अशुद्ध होती हैं। 4) पांचवीं नरक में नील एवं कृष्ण लेश्याएँ होती हैं। नील लेश्या चौथी नरक की अपेक्षा ज्यादा मलिन होती है। 5) छट्ठी एवं सातवीं नरक में कृष्ण लेश्या होती है। पाचवीं नरक की अपेक्षा छट्ठी में ज्यादा विकृत और छट्ठी नरक की अपेक्षा सातवीं नरक में ज्यादा विकृत होती है। 268) तीसरी नरक में दो लेश्याएँ क्यों कही गयी ? उ. तीसरी नरक के जिन नारकी जीवों का आयुष्य तीन सागरोपम और पल्योपम असंख्यातवां भाग जितना अधिक होता है। उनके कापोत लेश्या होती है। उससे अधिक आयुष्य वाले तीसरी नरक के नारकी के नील लेश्या होती है। .
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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