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________________ SHREE जीव विचार प्रश्नोत्तरी REPORT 15) महाघोष- भागते हुए नारकी जीवों को पशुओं की भाँति चार दीवारी में बंद कर देते 257) किस-२ नरक में कौनसी वेदना होती हैं ? उ. प्रथम तीन नरकों में परमाधामी देव जन्य वेदना, सातों नरकों में परस्परजन्य वेदना एवं क्षेत्रजन्य वेदना होती है। 258) नारकी जीवों का जन्म किसमें होता हैं ? उ. नारकी जीवों का जन्म कुंभी में होता है जिसका मुँह संकडा एवं पेट चौडा होता है। 259) नारकी जीव कब-कब सुख का अनुभव करते हैं ? उ. 1) तीर्थंकर परमात्मा के पांचों कल्याणकों के शुभ अवसर पर नारकी जीव कुछ समय के लिये सुख का अनुभव करते हैं। 2) अल्पकाल के लिये शाता वेदनीय कर्म के उदय से भी नारकी जीव शांति का अहसास करते हैं। 3) किसी मित्र देव की सहायता से भी कुछ पलों के लिए सुख प्राप्त करता है पर वह भी तीसरी नरक तक ही हो सकता है। 4) तीर्थंकर आदि महापुरुषों के स्मरण, वंदन के समय शुभ अध्यवसाय होने से अल्पकालीन सुखानुभूति होती है। 260) तीर्थकर परमात्मा के पांचों कल्याणकों के अवसर पर नरक में कैसा प्रकाश होता हैं ? 3. पहली नरक के सूर्य जैसा, दूसरी नरक में मेघाच्छादित सूर्य जैसा, तीसरी नरक में चन्द्र जैसा, चौथी नरक में मेघाच्छादित चन्द्र जैसा, पांचवीं नरक में ग्रह जैसा, छट्ठी नरक में नक्षत्र जैसा, सातवीं नरक में तारे जैसा अल्पकालीन प्रकाश होता हैं। 261) नारकी जीवों के कितने शरीर होते हैं ? उ. तीन प्रकार - 1) वैक्रिय शरीर 2) तैजस शरीर 3) कार्मण शरीर। 262) नारकी जीवों के उत्तर वैक्रिय शरीर का अधिकतम काल कितना होता
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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