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________________ mmaa - STATE जीव विचार प्रश्नोत्तरी NEETESTREE 69) पांचवीं नरक में दो लेश्याएँ क्यों कही गयी ? . जिन नारकी जीवों का आयुष्य दस सागरोपम एवं पल्योपम का असंख्यातवां भाग जितना अधिक होता है, उनके नील लेश्या होती है एवं उससे अधिक आयुष्य वाले पांचवीं नरक के नारकी के कृष्ण लेश्या होती है। 70) नरक में कितने उपयोग होते हैं ? . नरक में नव उपयोग होते हैं। सम्यक्त्वी नारकी जीवों में मतिज्ञान, श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान, चक्षुदर्शन, अचक्षुदर्शन, अवधि दर्शन रूप छह उपयोग होते हैं / मिथ्यात्वी नारकी जीवों में मति अज्ञान, श्रुत अज्ञान, विभंगज्ञान, चक्षु दर्शन, अचक्षु दर्शन एवं विभंगदर्शन रूप छह उपयोग होते हैं। 71) नारकी जीवों के कौनसा अवधिज्ञान होता है ? . भवप्रत्ययिक अवधिज्ञान / 72) नारकी जीवों के कितना अवधिज्ञान होता हैं ? . . नरक में . जघन्य उत्कृष्ट पहली नरक में 3.5 कोस 4 कोस दूसरी नरक में ३कोस 3.5 कोस तीसरी नरक में 2.5 कोस चौथी नरक में 2 कोस 2.5 कोस पांचवीं नरक में 1.5 कोस 2 कोस छट्ठी नरक में 1 कोस 1.5 कोस सातवीं नरक में 0.5 कोस १कोस 73) नरक में कितने वेद होते हैं ? . मात्र नपुंसक वेद ही होता है। 74) नरक में कितने समुद्घात होते हैं ? . चार समुद्घात- 1) वेदना 2) कषाय 3) मरण 4) वैक्रिय। 3 कोस diaried
SR No.004274
Book TitleJeev Vichar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar
PublisherManitprabhsagar
Publication Year2006
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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