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________________ विषय-सूची ॐ ॐ ॐ ॐ - - 1, 2. महावीर के मुखारविंद का वर्णन तथा प्रार्थना। महावीर तथा गणधरों को नमन। महावीर की तीर्थ-परम्परा। 5, 6. भाव-परम्परा का वर्णन। साधु के लिए देव, गुरु और धर्म सम्मान्य। ग्रामवासी और ठाकुर का दृष्टान्त। आगमभ्रष्ट मुनि की मूल्यहीनता। द्रव्य-परम्परा का वर्णन। मूढ़ की स्थिति। द्रव्य-परम्परा और भाव-परम्परा में अंतर। द्रव्य-परम्परा में मृगावती और चंडप्रद्योत का दृष्टान्त। . देवर्धिगणि तक भाव परम्परा। द्रव्य-परम्परा की वेश्या और चाण्डाल की पेटी से तुलना। अविशोधिकर जीत व्यवहार। : 17. शुद्ध भाव परम्परा की राजा और गृहपति के करंडक से तुलना। 18, 19. गीतार्थ साधुओं द्वारा आचरणीय जीत व्यवहरणीय। 20. . . . अशठ साधु द्वारा समाचीर्ण निरवद्य जीत आचरणीय। 21, 22. आवश्यक तथा सामाचारी आदि क्रिया का निर्देश। लोकोत्तर आवश्यक का महत्त्व। 24. लोकोत्तर परम्परा की वीतराग द्वारा स्थापना। जिनेन्द्र की आज्ञा फलदायी। 26-29. आज्ञा के महत्त्व में दरिद्र पुरुष का दृष्टान्त एवं उपनय।
SR No.004272
Book TitleAgam Athuttari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2012
Total Pages98
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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