________________ 64 पाइअविनाणकहा-२ हे जोगिंद ! 'कास इमा रोहिणी' / तीए तेहिं च को संबंधो त्ति हारेण पुढे, जीवावगो पिआ, पुत्तलिगाए निम्माया माया, भूसणदाया माउलो, वत्थदाया पिओ वियाणियव्वो, जओ नग्गं रमणिं पई एव पिहेइ / इअ जोगिणा अभिहिए वारत्तयं हं अणेण भासिया, एक्को चिय वारो अवसिस्सइ त्ति विसेसेण मउणपरा चिट्ठीअ / इअ तइआ कहा-कमंकओ पणहत्तरियमी कहा समत्ता / / 75 / / 1. प्रियः / /