________________ 74 चउहत्तरियमी दाणम्मि विक्कमाइञ्चभूवइणो कहा - - - - - - SIA hip अह पुणो वि दीवव्व कन्नाकुंडलं आभासिऊणं जोगी कहं कहेइ-धणरहनयरम्मि बलदत्तसेट्ठिणो दुहा रूववई नाम सुआ होत्था / सा य पियर-मायर-भायर-माउलेहिं पिहं पिहं वराणं दिण्णा / अह विवाहटुं समागए चउरो वि वरे मिहं विवयंते विलोइऊण मम निमित्तं अहो ! महंतो कलहो त्ति झाइत्ता सा जीवंती एव अग्गिम्मि पडिऊण भस्सीभूया / तइया ताणं एगो तीए समं अग्गिम्मि पविट्ठो, बीओ उ मसाणम्मि भूमिघरं किच्चा ठासी / तइओ उ भिक्खायरो होऊण भिक्खाए लद्धंसं चियाए उविरिं मोत्तूणं सेसं सयं खाएइ / 1. पृथक् पृथक् / / 2. लब्धांशम् / /