________________ सप्पा गया रेहा संठिआ इअ नाएण पुब्बुप्पननरसरिसा वट्टमाणकलिकालम्मि मणूसा न होज्जा-इह नरवइ-माहणविउसाणं कहा-७२ 57 समाणो एवं लहुं पाहाणं जलम्मि तारिउं किं न सक्को ? / सो निवो कहेइ-कत्थ राया रामचंदो ? कहिं च अहं ? / तइया विउसो साहेइ-कत्थ सो अगत्थो महारिसी, कत्थ हं ?, एवं जारिसा वट्टमाणकालम्मि नरवइणो तारिसा माहणा विउसा संति / एवं पुव्वकालसरिसनरा वट्टमाणकालम्मि न हुविरे / उवएसो नरिंद-माहणाईणं, वट्टालावं मणोहरं / सोया तुम्हे जहसत्तिं, होह कजपरा सया / / 2 / / एवं वट्टमाणकालीण नरिंद-माहणविउसाण कहा बिहत्तरियमी समत्ता / / 72 / / -गुज्जरभासाकहाए