________________ 88 पाइअविनाणकहा-२ DD TIAN रायरिसिणो वि मणपज्जवनाणं समुप्पण्णं / महोदयमुणी महीवालो य रायरीसी सग्गं गया / कमेण दुण्णि वि मुत्तिं पाविस्संति / उवएसो महोदयमुणिस्सेह, भववेरग्गकारणं / भव्वा सुणिअ दिटुंतं, होह वेरग्गवासिया / / 2 / / संसारासारयाए वरदत्तस्स पंचासीइयमी कहा समत्ता / / 85 / / -पबंधपंचसईए