________________ पंचमी जिणदासस्स कहा - - - - - पावोदएण नस्संति, संपयाओ सुरक्खिआ / पुण्णोदएण जायंति, जिणदासो नियंसणं / / 1 / / अस्थि विविहजिणवराणेगवरचेइअअलंकिया धम्मपुरी नाम नयरी / तत्थ जिणदासो दाणसीलो सेट्ठिवरो आसि / तस्स सीलालंकारविहूसिआ जिणमई धम्मपत्ती, ताणं च दुण्णि पुत्ता, एगो जिणदत्तो अवरो अ जिणरक्खिओ / अहिगदाणगुणरंजिएण निवेण नयरसेट्ठिपयं दिण्णं, तेण लोगमाणणीओ सो संजाओ / पुव्वज्जिअपुण्णखीणयाए एगया दाणगुणरंजिआ लच्छी देवी मज्झरत्तीए तस्स रसवईघरे आगम्म रोयणं कुणेइ,