________________ 171 कथा पृष्ठ पंक्ति 51 136 7 51 137 2 51 137 3 52 137 16 52 137 22 सद्दकोसो-१ (कथानुक्रमेण) शब्दशब्दार्थ -कथा पृष्ठ पंक्ति शब्द शब्दार्थ चित्तक्खोहकारिणिं चित्तने मोम पहा२नारी 49 130 19 | पच्चप्पेहि પાછું આપો विविहविगप्पे विविध विडयो 43 131 4 | रक्खाए। રાખમાં अवियला अविर 49 132 6 विणहूँ। વિનાશ પામેલો सद्धा શ્રદ્ધા 49 132 6 | खायमुत्तं ખાતમુહૂર્ત अज्झप्पचिंतणपरो सामर्थितनम तत्५२ 49 132 12 | नायनिप्पण्णं न्यायथा निष्पन्न, विसयउम्मीओ विषयोनी भि 49 13214 નીતિથી મેળવેલું तुरंगीभूअ ઘોડો થઈને 49 13227 कहा-५२ घोडगीभूअ ઘોડો થઈન 49 13227 नायसंपण्णविहवो न्याय संपन्न वैभव सत्तिमंता શક્તિમાન 49 132 30 | अणीई અનીતિ कहा-५० न कप्पड़ કલ્પ નહિ हालियं ખેડૂત 50 133 20 सचिण्हं ચિહ્ન સહિત रिणमोक्खत्थं ઋણમુક્તિ માટે 50 133 22 | मच्छवहगधीवरं भत्स्यनो 15 42 ना२, करिसग 50 134 2 માછીમાર विराएइ શોભે છે, વિરાજે છે 50 134 3 पंचग्गिसेवगं પંચાગ્નિ સેવક - अण्णह અન્યથા, નહિ તો 50 134 8 तवस्सिं તપસ્વીને पण्णाए પ્રજ્ઞાથી. 50 135 11 चरियं पर्तन, या रायमाणणिज्जो ने माननीय 50 135 12 | पेच्छंतो જોતો कहा-५१ ईसरेण ઇશ્વર વડે नियणाइवग्गे पोताना तिमिi 51 135 22 | परंगणासु પરસ્ત્રીઓમાં पहावणं પ્રભાવના 51 135 23 | पउणो પ્રગુણ, હોંશિયાર भायणભાજન પાત્રમાં ___51 135 24 कहा-५३ अन्नन्नाभावेण અપૂર્વ ભાવથી 51 136 | सेलो પર્વત पाडिवेस्सिया પાડોસી 51 136 3 | पुलिंदा ભીલો आसायंतो આસ્વાદ લેતો 51 136 6 / सोवालंभं उपम-४५७ सहित 52 138 3 52 139 1 52 139 1 52 139 3 ખેડૂત 52 139 52 139 7 52 139 8 52 139 8 52 139 8 52 139 10 52 139 12 52 13927 53 141 4 53 141 5 53 142 7