________________ // पाँचौ इन्द्रियोंके विषय सम्बन्धी भिन्न भिन्न विषयोंका स्थापना यन्त्र // [ गाथा-३४४] नव प्रकार 1. स्पर्शनेन्द्रिय 2. रसनेन्द्रिय | 3. घाणेन्द्रिय | 4. चक्षुरिन्द्रिय५. श्रोत्रेन्द्रिय 1. | दीर्घ प्रमाण अंगुलका असंख्यातवाँ | अंगुलका असंख्यातवाँ अंगुलका असंख्याभाग भाग तवा भाग भाग भाग विस्तार प्रमाण / स्वदेह प्रमाण आत्मांगुल पृथक्त्व आन्गांगुलका असंख्या- आत्मांगुलका असंख्या- आत्मांगुलका असंतवाँ भाग तवाँ भाग ख्यातवाँ भाग उ. विषय ग्रहण अंतर नव योजन (आत्मां- | नवयोजन पूर्ववत् | नव योजन पूर्ववत् | साधिक 1 लाख योजन 12 योजन (आत्मांगुल पर) गुलसे) ज० से विषय ग्रहण | अंगुलासंख्य भाग | अंगुलासंख्य भाग | अंगुलासंख्य भाग | अंगुलासंख्य भाग | अंगुलासंख्य भाग प्राप्यकारी प्राप्यकारी प्राप्यकारी अप्राप्यकारी प्राप्यकारी प्राप्यकारी या अप्राप्यकारी या | बद्धस्पृष्ट बदस्पृष्ट बदस्पृष्ट . अस्पृष्ट स्पृष्ट 6. बदस्पृष्ट-स्पृष्ट अस्पृष्ट ? 7. | प्रमाण अल्पबहुत्व | रसनेन्द्रियसे असंख्य- | घ्राणेन्द्रियसे असंख्य- | श्रोतसे संख्येयगुना | | सर्वसे अल्लावगाहना | चक्षुसे संख्येयगुना गुना गुना वक्षसे संख्येयगुना 8. कितने प्रदेशवाली है?] रसनेन्द्रियसे असंख्य- | घ्राणे०से असंख्यगुना | श्रोतसे असंख्येयगुना अनंत प्रदेशी गुना द्रव्येन्द्रियाँ कितनी हैं ?