________________ * विविध यंत्र. * 351 . 'मी अनेक भव हैं। लेकिन इनमें सबसे अल्पतम मानवाला भव कौनसा है ! ऐसा कोई प्रश्न करें तो इसका उत्तर एक ही है-२५६. आवलिकाओंका / इस लिए इसको क्षुल्लक भवरूप पहचानवाया जाता है। इससे कम आवलिकाका भव कभी होता ही नहीं है / इस जीवका लघुतम संसार 256 आवलिकाका है। ___ महानुभाव ! संसारकी विषम विचित्रताएँ और आयुष्यकी क्षणभंगुरताका विचार तो कीजिए ! हम भी ऐसे अल्पतम मानवाले भवोंमें अनेकवार जन्म-मरण कर चुके हैं। अब फिरसे उसी महादुःखदायी यात्रा पर पहुँच न जाय इस लिए आप सबको आरंभ समारंभोंको तथा पापाचरणोंको छोड़कर, पवित्र अहिंसामय धर्माचरणमें और आगे बढ़नेके लिए प्रयत्नशील बनना चाहिए। [348] (प्र. गा. सं. 75) / / ऋजु-वक्रागतिमें आहारमान यन्त्र // [गाथा-३३०] गतिप्रकार व्य, नयसे कालमान निश्चय नयसे कालमान 1 समय अनाहारीपन नहीं है 1 समय एकवक्रा द्विवक्रा त्रिवक्रा चतुर्वक्रा . // पर्याप्त-अपर्याप्त मेद व्यवस्था यन्त्र // [ गाथा-३३८ ] जीव अपर्याप्त पर्याप्त लन्धि अपर्याप्त करण अपर्याप्त करण पर्याप्त (मतांतरसे) करण अपर्याप्त लब्धि अपर्याप्त लब्धि पर्याप्त लब्धि अपर्याप्त करण अपर्याप्त करण पर्याप्त करण- ___करण पर्याप्त अपर्याप्त लन्धि पर्याप्त लन्धि अपर्याप्त ( मतांतरसे)