________________ बृ.सं.६ | 9 / तीसरे वालुका प्रभा जरक में वृत्तादि नरकावासाओंका यंत्र // / 3 4 . 5 . | कुल पतरमें | प्रत्तर में प्रतरमें | प्रतरमें | प्रत्तरमें | प्रत्तरमें | प्रतरमें | प्रत्तरमें प्रतरमें| सरव्या 25-24 | 24-23 | 23-22 /22-21 | 21-20 | 20 -19 | 19 -18 | 18 -17 /17 -16 | गोल - 477 जत्रिकोण -516 | गो.त्रि.चौ. जो.त्रि.चौ. गो.त्रि.चौ गो.नि.चौ गो.त्रि.चौ गो.नि.चौ गो.त्रि.चौ. गो.त्रि.चौ. गो.त्रि.चौ 8-9.88-8- 8 |7-8-87-8-9/0-9-9|6-9-9|6-9-6|6-6-65-6.6 8-8-8/9-8-8/9-8-9/9-9-98-9-9|6-9-66-6-6|5-6-6|5-6.5 कुल.पं.सं. 16-17-16|15-16-1614-16-15/14-15-14|13-14-14 12-14-13 12-13-12|11-12-12|10-12-19| 1485. 44 पुष्यावकीर्ण 4 4 4 4 4 4 4 44. 44 1498515 64-68-64/60-64-64/56-64-6056-60-56/52-56-56/48-56-5248-52-48/44-48-48/40-48-44 कुल +1 +1 +1 +1 / +1 +1 +1 +1 | 15 लारव. ક૬૮-૬૪ ૬૬-૬૪-૬૬૫૭-૬૪-૬૦૫૭-૬૦-પપ૩-૫૬-૫૪૬-પ-પર ઇ-પુર-કકપ-૪૮-૪૮૪૬-૮-કઇ कुल 197 कुल १८९|कुल 181 |कुल १७३|कुल १६५/कुल 157 कुल 149 कुल 141 कुल 133 * नरकगतिविषयक द्वितीय भवनद्वार .