________________ बृ. सं. 4 [यंत्र संख्या-८१] साती नरक की पृथ्वीके नाम-गोत्र-प्रतर-नरकावासकी संख्या तथा पृथ्वीपिंडं घनोदध्यादि वलयोंकापरिमाण यन्त्र नरकके गोत्र | वेदना प्र.सं.नरकावास पृथ्वीपिंड घनोमान धनवात तनुवात आकाश धनवालय धनवलय तनुवलय कुल नाम संख्या १रत्न प्रभा क्षेत्रजा अन्योन्या| 13 ३०.लाख 1.80.000 20 हजार असंख्य असंख्य असंख्य 6 योजन आयोजन१३ | 12 और योजन | योजन | योजन | योजन धार्मिका योजन योजन परमा " " राजना पकप्रभा शर्करा वंशा | " | 11 |25 लाख 1.32,000 | प्रभा शेला | " | 9 15 लाख 1.28.000 प्रभा क्षेत्रा 9 | 10 लारव 1.20,000 अन्योन्या रिष्टा धमप्रभा " 5 3 लाख | 1,18,000 मधा | " 3 19995 | 1.16,000 " | थो० ४॥योजज 16, यो० 153 यो " | " यो० 5 यो०१६ यो०१३ यो , " 7 यो० // यो०१३ यो०१४ यो० " | " यो० 5 / यो०११ यो०१४३ योन " " यो० // यो०/१६२ यो०१५ योन " " " " " तमःप्रभा तमस्तमः माघवती प्रभा 1,08,000 " " | " | " 8 यो०६ यो०२ यो०१६ यो० re.8M