________________ 148 ] बृहत्संग्रहणीरत्न हिन्दी ..... [ गाथा 72-75 ताणंतिम सूरवरा-वभासजलही परं तु इक्किका / देवे नागे जक्खे, भूये य सयंभूरमणे य // 75 // गाथार्थ-विशेषार्थके अनुसार // 72-73-74-75 // विशेषार्थ-जगत्में जिन जिन प्रशस्त वस्तुओंके नाम तथा जो जो उत्तम शाश्वत् पदार्थ आदि हैं उन सर्व नामवाले द्वीप-समुद्र हैं ऐसा श्री जिनेश्वरदेवका सिद्धान्त बोलता है-कहता है। __ सप्तधातुके नाम, रत्नोंके नाम तथा उनसे बने हुए सर्व आभरणों-आभूषणों के नाम, जैसे कि रत्नावली, कनकावली, अंगूठियाँ इत्यादि, वस्त्र-अर्थात् रेशम, सूत-सर्व प्रकारके वस्त्रोंकी जातिके नाम तथा उनसे बनती सर्व वस्तुओंके नाम और गंध-सर्व प्रकारके धूप आदि गन्ध-द्रव्योंके नाम, उप्पल-सर्व प्रकारके कुमुदादि विविध कमलोंके नाम, तिलए-तिलक नामके वृक्षका नाम, पउम-पद्म अर्थात् शतपत्र-पुण्डरीकादि कमल विशेषके नाम, निहि-ये नौ प्रकारके वन-नीलादिरत्ननिधि तथा चक्रीके नौनिधानके नाम, रयणे-चक्रवर्ती सम्बन्धी चौदह प्रकारके रत्नोंके नाम, वासहर-हिमवन्तादि सर्ववर्षधर पर्वतोंके नाम, दह-पद्मद्रहादि, सर्वद्रह तथा पद्मसरोवरादि शाश्वत् सरोवरोंके नाम, नईओ-गंगा-सिंधु प्रमुख सर्व नदियों के नाम, विजया-कच्छादि 34 विजयोंके नाम, वक्खार-चित्रादि 16 वक्षस्कार . पर्वतोंके नाम, कप्प-सौधर्मादि 12 कल्पोंके नाम, इन्दा-शक्रादि सर्व इन्द्रोंके नाम, कुरु-देवकुरु तथा उत्तरकुरु आदि क्षेत्रके नाम, मन्दर-मेरुपर्वतके पर्यायवाचक 11 नाम, आवास-तिर्यगृलोकमें भवनपति आदि पातालवासी देवोंके आवासोंके नाम, कूडा-हिमवन्तादि पर्वतोंके कूटों तथा ऋषभकूटोंके नाम, नक्खत्त-अश्विनी-कृतिका आदि 28 नक्षत्रों के नाम, ( उपलक्षणसे ग्रहोंके नाम ) चन्दा-सूरा-चन्द्र तथा सूर्यके नाम, इनसे पूर्व कहे गए सर्व नामोंवाले तथा इनके सिवा जगत्में जो जो प्रशस्त नामवाले पदार्थ हैं, वे सर्व नामवाले द्वीप-समुद्र हैं। त्रिप्रत्यवतार द्वीप-समुद्र विचार अमुक द्वीप-समुद्रको वर्जित करके बाकीके सर्व द्वीप-समुद्र त्रिप्रत्यवतार है अर्थात् 'चर' नामवाला 'चरद्वीप' तत्पश्चात् वही नाम 'वर' पदसे युक्त वह दूसरा 'चरवर' द्वीप, तत्पश्चात् 'वरावभास' पदसे युक्त तीसरा '5' चरवरावभास' द्वीप इस तरह हरएक द्वीप-समुद्र है, जैसे- शंखद्वीप' मूलनाम, 'शंखवरद्वीप' दूसरा नाम और 'शंखवरावभासद्वीप' यह तीसरा नाम, इस तरह त्रिप्रत्यवतार अर्थात् मूलनामको कायम रखकर अन्य विशेषण लगाकर तीन बार उस नामको लिखना यह / इस तरह समुद्रोंके लिये भी समझना चाहिए। ऐसे 166. 'चरावभास' ऐसा भी नाम है /