________________ श्रीमुक्तिकमलजैनमोहनमाला पुष्प-८६ cocacolaresaccecacavacacaceaeaceaeaca // नमोऽर्हत्परमेश्वराय // दर्भावती [ डभोई ] मण्डन अर्धपद्मासनस्थश्रीमल्लोढणपार्श्वनाथाय नमोनमः / पूज्यपादशासनप्रभावकजैनाचार्यश्रीमद्विजयमोहन-प्रताप-धर्मसूरीश्वरेभ्यो नमः / / . . बारहवीं शताब्दिमें विद्यमानसिद्धान्तमहोदधि पूज्यपाद श्रीमद्-चन्द्रसूरीश्वर विरचितसंग्रहणीरत्न-प्रकरण प्रचलित नाम- बृहत्संग्रहणी सूत्रहिन्दी भाषांतर सहित। 卐 . गुजराती भाषान्तर लेखन वर्ष-१९८७. : हिन्दी भाषांतर वर्ष, 2041-42 : प्रेरक, पू. आचार्य श्री यशोदेवसूरिजी concenericackacarcancercacakacarcareer.cenearera