________________ के प्रकाश को फैलाने का अनुमोदनीय कार्य किया है। इन प्रकाशनों में निम्नलिखित अति-महत्त्वपूर्ण, अति-उपयोगी सिद्ध हुई है1. प्रवचन-सरिता 2. प्रवचन-सुधा 3. प्रवचन-ज्योति 4. जसवन्त ज्योति 5. जीवन दीप जलाएँ 6. प्रवचन-पुंज 7. आनन्द जसवन्त ज्ञान मंजरी 8. जीवन जागृति एवं जैन प्रश्नोत्तरी 9. तीर्थ-दर्शन अनानुपुर्वी 10. सचित्र देववन्दन माला 11. चौबीस जिन चैत्यवन्दन 12. चलो आराधना करें 13. तिथि आराधना विधि 14. पर्वाराधन कीजिए 15. जीना सीखें जिनवाणी से / 16. ज्ञान-गर्भित जैन प्रश्नोत्तरी 17. जरा याद करो कुर्बानी एवं जैन प्रश्नोत्तरी 18. सिद्धचक्र स्तोत्र एवं पुष्पावती-मंगलसिंह चरित्र 19. जीवन निर्माण एवं चन्द्रराजा चरित्र 20. भरहेसर सज्झाय की विरल विभूतियाँ 21. भरहेसर सज्झाय की महनीय महासतियाँ 22. जीवन बनेगा उज्ज्वल 23. श्रुतसागर की लहरें। साधु-साध्वीजी नदी की निर्मल धारा के समान जहाँ भी गतिशील होते हैं, वहीं पर सम्यग्ज्ञान की सुवास छोड़ जाते हैं। साध्वीजी म. सा. भी ज्ञान प्रचार के उद्देश्य को लक्ष्य में रखकर जिस क्षेत्र में भी चातुर्मास करती हैं, वहाँ विशेष रूप से धार्मिक शिविरों का आयोजन अवश्य करती हैं। महिलाओं में धर्म-जागृति एवं बालक