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________________ 264 ओंकार नगरमें / 296 सिंह का अकेले घर जाना 265 चार श्लोक की कथा और राजकुमारी का गिर२६६ सारे राज्य का दान नार की ओर प्रयाण 269 ओंकार नगरमें दान 297 भारण्ड पक्षी और उस के पुत्र 269 सूरि की सूत्रों को संस्कृत में 302 राजपुत्री का सब का वृत्ता. रचने की इच्छा न्त सुनना 270 गुरुद्वारा प्रायश्चित्त | 304 शुभमती का रूपपरिवर्तन 271 अवधूत वेषमें तथा, वामनस्थली जाना तेईसवा प्रकरण पृ. 271 से 290 पचीसवा प्रकरण पृ. 305 से 320 कन्या की शोध 272 शुभमिलन 305 272 कन्या की शोध 305 शुभ मिलन 276 भट्टमात्र का वल्लभीपुर गमन 305 आनन्दकुमार का पटह स्पर्श 282 अन्यत्र खोज 307 राजपुत्री को नेत्रप्राप्ति 284 विक्रमचरित्र का वल्लभीपुर 308 धर्मध्वज का प्राणत्याग के प्रति गमन करने आना 288 राजपुत्री से मिलन 311 सिंह का आगमन चोवीसवाँ प्रकरण पृ. 291 से 304 313 धर्मध्वज और सिंह का शुभमती 291 / लग्न 291 शुभमती | 315 महाबल की अपनी पुत्री से 292 राजकुमारी का महल से / | 316 राजा विक्रमचरित्र व गुस्मती 293 कृषक सिंह के साथ गमन ) का शुभ मिलन तथा लान Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004265
Book TitleMaharaj Vikram
Original Sutra AuthorShubhshil Gani
AuthorNiranjanvijay
PublisherNemi Amrut Khanti Niranjan Granthmala
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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