________________ 165 पुत्र का श्लोक पढ़कर पिता / 190 कोटवाल के घर चोरी का पता लगाना 193 कोटवाल को मूर्छा . 170 माता से अवन्ती गमन की 195 भट्टमात्र की प्रतिज्ञा आज्ञा लेना तथा रवानगी 198 भट्टमात्र को मिलना सत्रहवा प्रकरण पृ. 171 से 184 201 भट्टमात्र को बेडी में फँसाना अवन्ती में 171 205 राजा का भट्टमात्र को 171 अवन्ती में . आश्वासन 171 देवकुमार का अवन्ती आना | उन्नीसवाँ प्रकरण पृ.२०७ से 223 172 वेश्या के यहाँ ठहरना 175 चण्डिका को प्रसन्न कर तीव्र बुद्धि का परिचय 207 विद्यायें प्राप्त करना 207 तीव्र बुद्धिका परिचय 177 विक्रमादित्य के शयन गृह में 207 नगर में पटह बजवाना 177 राजा के वस्त्राभूषणों की चोरी | 208 वेश्याओं का पटह स्पर्श 981 मंत्रियों आदि से राजा का 209 देवकुमार का सार्थवाह बनना विचार विमर्श 211 वेश्याओं का नृत्य तथा मद्यपान 182 सिंह की चोर पकड़ने की 213 वेश्याओंका अचेतन होजाना प्रतिज्ञा अट्ठारहवा प्रकरण पृ.१८५से२०६ 214 कूप के घटी यंत्र से बाँधना कोटवाल व मंत्री को चकमा 185 216 राजा आदि का आकर 185 कोटवाल व मंत्री को चकमा छुडाना 185 देवकुमार का श्यामल बनना 218 द्यूतकार कौटिक की प्रतिज्ञा 186 सिंह को भुलावे में डालना 220 कोटिक की दुर्दशा Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org