________________ // श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथाय नमोनमः श्री नेमि-अमृत-खान्ति सद्गुरुभ्यो नमोनमः म विवचनकार : साहित्यप्रेमी मुनिश्री निरञ्जनविजयजी म.सा. प्रकाशक : जशवंतलाल गिरधरलाल शाह कल्याण भुवन रुम न. 115 रीलीफ रोड-अमदावाद. DIRHA किंमत र रुपिये - . - Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org