________________ मुनिनिरंजनविजयसंयोजित मेरे लिये बलि दिये बिना सोये हुए तुम को मैं इस तलवार से अभी ही मार डालता हूँ , तुम जागो।' इस प्रकार अग्निवेताल के वचन सुन कर राजा शय्या से उठकर क्रोधसे लाल आँखें कर म्यान से यम-जिह्वा के समान तलवार खींचकर बोला-'अरे दुष्ट ! यदि मेरी आयु कोई भी कम नहीं कर सकता तो मैं हमेशा तुम्हें बलि क्यों दूं?' यदि तुम में ऐसी शक्ति होतो मेरे सम्मुख युद्ध के लिये आ जाओ। क्योंकि मेरी यह तलवार बहुतकाल से प्यासी है / यदि युद्ध करने की शक्ति न हो तो Education International - For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgve