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________________ इस प्रकार से जो देह से भिन्न निज आत्मा को शुद्ध कर चुका है वह कुछ भी कार्य नहीं कर सकता। अतः ध्यानी पुरुष को अपनी देह को पुण्य कर्म रूपी पूजन में लगाना चाहिये। पश्चात् निज सम्पूर्ण शरीर को करोड़ों चन्द्रमाओं से व्याप्त आकाश की ओर उठाकर पंच परमेष्ठी मंत्र से सकलीकरण करना चाहिये। शरीर के अंग बायें हाथ की अंगुलियों से शिर, मुख, वक्षस्थल नाभिप्रदेश एवं पैरों पर अक्षत छिड़कना चाहिये। निज शरीर को इन्द्र की कल्पना करके कंकण, मुकुट, मुद्रिका और यज्ञोपवीत पहनना चाहिये। इसके पश्चात् पूजा हेतु स्थापन किये हुये सिंहासन में ही मेरु पर्वत की कल्पना करके उस सिंहासन पर जिनप्रतिमा को स्थापित कर रखकर मनसभावों से अर्हन्त भगवान को प्रत्यक्ष में होना मानना चाहिये। इसके बाद सिंहासन के चारों तरफ के कोनों पर चार कलश पानी, घी, दूध, दही से भरे हुए स्थापित करना चाहिए। इन कलशों के ऊपर नवीन सौ दल वाले कमल रखना चाहिये। इसके बाद दशों दिशाओं में इन्द्र, अग्नि, यम, नैऋत्य, वरुण, पवन, कुबेर, ईशान, धरणेन्द्र और चन्द्र इन 10 दिक्पालों को उनके वाहन एवं शास्त्रों के साथ स्थापित कर पजा द्रव्य का होम, नैवेद्य, यज्ञभाग तथा वीजाक्षर सहित मंत्रों से नैवेद्य देना चाहिये। इसके बाद ही देवाधिदेव अर्हन्त भगवान् के शिर पर से जल, घी, दूध, दही आदि पदार्थों से मंत्रोच्चार करते हुये अभिषेक करना चाहिये। जिनप्रतिमा का अभिषेक करने के पश्चात् निर्मल गन्धोदक की वंदना कर कश्मीरी केशर और चंदन आदि से जिनप्रतिमा का उबटन करें। . इसके पश्चात् पूजा-द्रव्य की थाली में गुरु द्वारा बताये अनुसार मंत्रोच्चार पूर्वक सिद्धचक्र बनाना चाहिये। सिद्धचक्र (साथिया) बनाने हेतु सोलह दल का कमल बनाना चाहिये। इसके मध्य में कर्णिका पर बिन्दु एवं कला सहित ह्रीं लिखना चाहिये फिर उसको ब्रह्मस्वरों से वेष्ठित करना चाहिये। उसके चारों ओर सोलह स्वर लिखना चाहिये फिर उन सबको माया बीज से वेष्ठित करना चाहिये। फिर 16 दल का कमल बनाना चाहिये जिसमें कि 8 दल और 8 वर्ग हों। आठों वर्गों में 16 स्वर तथा क, व आदि 357 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004264
Book TitleDevsen Acharya ki Krutiyo ka Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages448
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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