________________ निश्चय एवं व्यवहारनय की दृष्टि से अध्यात्म अध्यात्म का स्वरूप एवं विश्लेषण अध्यात्म के अधिकारी अध्यात्म के विभिन्न स्तर धर्म और अध्यात्म भौतिक सुख और अध्यात्म अध्यात्म का तात्विक आधार-आत्मा अध्यात्म में साधक, साध्य और साधन तृतीय अध्याय तत्त्वमीमांसा 122-192 सत् का स्वरूप लोकवाद द्रव्य, गुण, पर्याय भेदाभेद अस्तिकाय द्रव्य धर्मास्तिकाय अधर्मास्तिकाय आकाशास्तिकाय पुद्गलास्तिकाय जीवास्तिकाय अनस्तिकाय द्रव्य-काल नवतत्त्व विचार स्याद्वाद का महत्त्व तत्त्वमीमांसीय वैशिष्ट्य चतुर्थ अध्याय ज्ञानमीमांसा एवं प्रमाणमीमांसा 193-251 (अ) जैन ज्ञान मीमांसा का उद्भव और विकास ज्ञान की परिभाषा एवं भेद-प्रभेद मतिज्ञान एवं श्रुतज्ञान-साम्य, वैषम्य अवधि एवं मनःपर्यवज्ञान के भेद को दिखाने वाले हेत एवं साधर्म्य केवलज्ञान की सर्वोत्तमता ज्ञाता, ज्ञेय और ज्ञान का भेदाभेद ज्ञान की विशिष्टता (iii) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org