________________ 138. 139. 140. 142. 143. 144. 145. 146. 147.. 148. 149. 150. 151. 152. 153. 154. श्रावक प्रज्ञप्ति, गा. 19 स्थानांग, 1/1 की टीका तत्त्वार्थ सूत्र, 6/19 कर्मग्रंथ 1/57-59; तत्त्वार्थसूत्र 6/10-20; स्थानांग, 4/4/373 तत्त्वार्थसूत्र, 6/20; कर्मग्रंथ, 1/59 जैनदर्शन के मौलिक तत्त्व, पृ. 49 अभिधान राजेन्द्र कोश, 4/1999 स्थानांग टीका, 2/5/105 जैन सिद्धान्त कोश, 2/583 प्रज्ञापना टीका, 23/1/288 श्रावक प्रज्ञप्ति टीका, गा. 11, पृ. 8 कम्मपयडी टीका वही, भावानुवाद, पृ. 11 अभिधान राजेन्द्र कोश, 4/1999 प्रथम कर्मग्रंथ, गा. 23 कम्मपयडी टीका वही, भावानुवाद, पृ. 13 प्रथम कर्मग्रंथ, गा. 25 कम्मपयडी टीका कर्मग्रंथ-1, गा. 23-31 स्थानांग, स्था. 2, सू. 105 तत्त्वार्थ सूत्र, 6/3, 5 तत्त्वार्थ सूत्र, 6/22 जैन विद्या के आयाम, पृ. 6/214 . तत्त्वार्थ सूत्र, 6/22 संताणकर्मणागय जीवायरणस्स गोदमिदिसण्णा। -कर्मकाण्ड, 11-13 प्रज्ञापना सूत्र, 23/1/288 अभिधान राजेन्द्र कोश, 3/954; जैन सिद्धान्त कोश, 2/520 कम्मपयडी टीका कर्मप्रकृति, पृ. 11 श्रावक प्रज्ञप्ति, गा. 25 155. 156. 157. 158. 159. 160. 161. और 162. 163. 164. 165. 166. 167. 168. 403 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org