________________ 61. धर्मसंग्रहणी टीका, पृ. 134 62. देववरिन माता, ज्ञान का चैत्यवंदन, 5/4 63. विशेषावश्यक भाष्य, गा. 97 64. नन्दी हरिभद्रीय वृत्ति, पृ. 26 65. तत्त्वार्थ वृत्ति, पृ. 57 66. धर्म नंगहणी, पृ. 254 67. विशेषावश्यक भेद, गा. 85-87 68. धर्म संग्रहणी, गा. 854 69. विशेषावश्यक भाष्य, गा. 85-87 70. धर्म संगहणी, गा. 855 71. नंदी सूत्र, पृ. 75 72. जैन ज्ञानमीमांसा एवं न्याय, पृ. 70 73. वही, पृ. 70 74. वही, पृ. 70 75. ज्ञान बिन्दु, पृ. 74 76. जैन ज्ञान मीमांसा एवं न्याय, पृ. 70 77. वही, पृ. 70 78. वही, पृ. 70 79. ज्ञान बिन्दु, पृ. 80 80. ज्ञानसार, 4/2 81. आत्मनिश्चयाविकार, 48, अध्यात्मसार, गाथा 7 82. आत्मनिश्चर्याधिकार, अध्यात्मसार, 9/1-9 83. समयसार, 9/1-13 84. अध्यात्मसार, आत्मनिश्चयाधिकार, गा. 11 85. प्रकाश शक्त्या चद्धपमात्मानो ज्ञानमुच्चते अध्यात्मोय निषद् 86. अध्यात्म बिन्दु, 3/10-11 87. प्रवचनसार की तत्त्वप्रदीपिका टीका, 1/60, पृ. 71 88. प्रवचन रत्नाकर, भाग-3, पृ. 29 89. ज्ञानसार, 13/2 90. ज्ञानसार विवेकाष्टक, 15/3 91. जैन ज्ञानमीमांसा एवं जैन न्याय, पृ. 80 92. वही, पृ. 81 248 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org