________________ 31. अध्यात्मोपनिषद् देशनाद्वात्रिंशिका, 2/12 षोडशकप्रकरण, 11/8 32. अध्यात्मोपनिषद् 33. षोडशकप्रकरण, 11/9 34. द्वात्रिंशिदद्वात्रिंशिका-देशनाद्रात्रिंशिका उपाध्याय यशोविजय, गा. 13 35. अध्यात्मोपनिषद्, गा. 62 36. ज्ञानबिन्दु, पृ. 67 37. ज्ञानबिन्दु, पृ. 71 38. देववरेन माला (चैत्यवंदनः मनःपर्यवज्ञान), गाथा 4/2 39. ज्ञान बिन्दु-सर्व विषयं केवलज्ञानम्, पृ. 74 40. विशेषावश्यक भाष्य, गाथा 78-84 41. तत्त्वार्थसूत्र, 1/4 42. नन्दि हरिभद्रीयवृत्ति, पृ. 63 43. जैन तर्कभाष्य, पृ. 38-62 44. तत्त्वार्थ सूत्र, 1/15, 16 45. कर्म ग्रन्थ, भाग-1, गाथा 4-5 46. कर्म ग्रन्थ, 1/6 47. विशेषावश्यक भाष्य, 501-548 48. जैन तर्क परिभाषा, पृ. 63 49. गोम्मटसार, गा. 316-317 50. स्थानांग सूत्र, स्था. 2, उद्दे. 1, सूत्र 15 51. तत्त्वार्थ सूत्र, 1/23 52. कर्म ग्रन्थ, 1/8 53. नन्दी हरिभद्रीयवृत्ति, पृ. 32 54. कर्म भाषा, पृ. 69-70 55. तत्त्वार्थ हरिभद्रीय वृत्ति, पृ. 82-83 56. तत्त्वार्थ सूत्र, 1/24 57. जैन तर्क परिभाषा, पृ. 73 58. नन्दी हरिभद्रीय वृत्ति, पृ. 48 59. धर्म संग्रहणी, गा. 851 60. नन्दी हरिभद्रीय वृत्ति, पृ. 26 247 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org