________________ तृतीय अध्याय तत्त्वमीमांसा122-192 सत् का स्वरूप लोकवाद द्रव्य, गुण, पर्याय भेदाभेद अस्तिकाय द्रव्य धर्मास्तिकाय अधर्मास्तिकाय आकाशास्तिकाय पुद्गलास्तिकाय जीवास्तिकाय अनस्तिकाय द्रव्य-काल नवतत्त्व विचार स्याद्वाद का महत्त्व तत्त्वमीमांसीय वैशिष्ट्य Euration International For Personal & Private Use Only www.janolorary.