________________ Mwanada d a तित्थाहिव वीरथुइ, नवमे दसमे य उज्झयंतथुई // अठ्ठवायाइ इगदिसि, सुदिहि सुरसमणा चरिमे // 45 // शब्दार्थ-नवमा अधिकारमा तीर्थपति श्री वीरप्रभुनी स्तुति अने दशमा अधिकारमा रेवताचलनी स्तुति जाणवी. तथा अगीयारमा अधिकारमा अष्टापदादिकनी अने छेला अधिकारमा सुदृष्टि देवताना स्मरणरूप स्तुति जाणवी. // 4 // विस्तारार्थः-तथा जोदेवाणविदेवो भने कोविनमकारो ए बे गाथा रूप नवमा अधिकारने विषे आ वर्तमान तीर्थना अधिपति गकुर जे श्री वीरनगवान् तेनी स्तुति जाणवी. तथा जतिसेलसिहरे ए गाथा रूप दशमा अधिकारने विषे वली श्रीरैवतकाचल पर्वतने विषे श्रीनेमिनाथ नगवाननी स्तुति जाणवी. तथा " चत्तारि अहदस दोय वंदिया” ए गाथा रूप अगी | यारमा अधिकारने विषे अष्टपादादिकने विषे श्रीनरतेश्वरें करावेली चोवीश जिन प्रतिमानी स्तुति जाणवी. तथा वेयावच्चगराणं ए गाथारूपलेला बारमा अधिकारने विषेसम्यग्दृष्टि देवताने RAPranamaAVAG anesamayanavinaceav/savete / / inin Education international For Personal & Private Use Only www.jamelibrary.org