________________ // 36 // MeavavaniaDD/Docom/s/TROP/BmwomaaaaRABINE ही, प्प, ह, न्ना, दा, ता, व, न्नु, ब, के, बा, ति, द्वि, त्ता, द्वा, स्सं, ह, बे, ए सेत्रीश अक्षर | ०भा० गुरु जाणवा. केटलाएक उमाणं पदना बकारने गुरु कहेता नथी अने केटलाएक दृछ, म्म, ए त्रणने गुरु गणीने तेत्रीश गुरु बदर करे. तिहां चूलिकानी गाथा गुरु नथी गणता. इत्यादिक बहु मतांतर बे, पण शहां तो संप्रदायागत एक टकार नारे गणीयें छैयें.. .. . तथा अरिहंत चश्याणं रूप चैत्यस्तवने विषे स्स, गं. त्ति, त्ति, का. त्ति. म्मा. त्ति. त्ति. ग्ग, त्ति, द्धा, पे, ह, स्स, ग, न, ब, , गे, त, छा, 6i, ग्गो, जि, स्स, ग्गो, का, प्पा, ए जंगणत्रीश अदर गुरु डे. तथा लोगस्सरूप नामस्तवने विषे स्स, जो, म्म, ब, त्त, स्सं, प, प्प, फ, ऊ, ऊं, म्म, लिं, |व, 5, द्ध, छ, ति, स्स, त्त, का, ग, त्त, म्म, चे द्धा, द्धि, व, ए अहावीश अक्षर गुरु जाणवा. || तथा पुरस्करवरदीरूप श्रुत स्तवने विषे स्क, ढे, म्भा, धं, रस, स्स, स्स, प्फो, स्स, स्स, ला, स्क, रस, चि, रस, म्म, रस, प्र, द्धे, न; न्न, रस; प्न; चि; 8; 16; क; चा; म्मो; ट; म्मु; त्त; ट; ooooooo/aucearea/aada Jain Education International For Personal & Private Use Only www.ainelibrary.org