________________ pamoBeansvaasDomamus/app/aavasavaasessed || यथास्थित बोलवा, तथा संपदा प्रमुखनु बराबर चिंतन राखवू, ते प्रथम वर्णालंबन जाणवू, अने| जे नमोचणं प्रमुख सूत्रो नणतां तेना अर्थ हृदयमां नाववा, ते बीजु अर्थालंबन जाणवू, तथा आलंबन ते वली शुं कहीयें तो के प्रतिमादि एटले जिनप्रतिमा तथा आदि शब्द थकी नाव | बारहंतादिकनुं तथा स्थापनादिकनुं पण ग्रहण करवं, तेनुं जे स्वरूप बालंबन धारखं, ते त्रीजं | प्रतिमालंबन जाण, ए आठमुं आलंबनत्रिक कछु. हवे नवमुं मुद्रात्रिक कहे . एक योगमुडा, बीजी जिनमुना अने त्रीजी मुक्ताशुक्ति मुद्रा, ए योग मुखादिकना नेदें करीने मुखात्रिक जाणवू // 14 // हवे प्रथम योगमुखानुं स्वरूप कहे - अक्षुण्णंतरि अंगुलि-बे हायनी नी पेठे पिहोवरि-पेट उपरे संठिएहिं-स्थापीने दशे अंगुलिने अंतरीत करीने दोहिहत्येहिं-बे हाथे करीने कुष्परि-कोणी जोगमुद्दत्ति-योगमुद्रा एवी रीते कोसागारेहिं-कमलना डोडा WooDadvaasB/GDadaBED/Davara Jain Education international For Personal & Private Use Only www.janesbrary