________________ प०भा० NDAGanarasi/ प०भा० का एक उत्तरगुणनो नांगो मेलवीये, तेवारे एकत्रीश नांगा थाय, तेनी साथे वली कोई नियम मात्र व्रत न लीये, तेनो एक नांगो मेलवीये तेवारे बत्रीश नेदे श्रावक सम्यग्दर्शनी शंका कांदादि | रहित अमूढदृष्टिपणे जाणवा. इत्यादिक नेदनी वक्तव्यता बहु , पण शहां मुख्यताये उंगणफचास नांगा थाय, ते नांगा गाथाना अर्थे कहे . मण-मने मणतणु-मन अने कायाए / सत्त-सात दुति जुय-द्विक त्रिक योग वयण-वचने वयतणु-वचन अने कायाए कर-करवा आश्रयी तिकालि-त्रणकाल काय-कायाए तिजोगि-त्रण योग कार-कराववा सीयाल भंग सयं-एकशोने मणवय-मन वचने सग-सात अणुमइ-अनुमति सुडतालीश भांगा Here/apevanawaneanteras / / /Ge/a/ मणवयणकायमणवय, मणतणुवयतणुतिजोगिसठासत्त॥ करकारणुमइ दुतिजुय, तिकालि सीयाल भंगसयं // 42 // /a/aavaadee // 154 // ASHARAMVasavetaseases JainEducation irdermational For Personal & Private Use Only