________________ Pasaava@ANDAINTENANDAp/a/ साधु तथा श्रावकने लक्षण करवा योग्य बे, माटे एने लक्ष्य बिगय कही, हवे ए ल नक्ष्य विन गयना उत्तर नेदनां माम कहे . तिहां प्रथम दूधविगयनुं नाम कछु , माटे दूधना उत्तर नेद कही देखा जे. एक गायन है। दूध, बीजें जेंसनुं दूध, त्रीजुं उंटमीन दूध, चोथु अजा एटले बालीनुं दूध, पांचमुं एमका ते गा| मरीनुं दूध ए पांच जातिनां दूध ते सर्व विगई जाणवी, अने शेष मनुष्यणी तथा बोजा पशुया दिकनां जे खीर थाय 2 ते विगश्मां गणाय नही. अथ एटले हवे चार जातिर्नु घृत तथा चार | जातिनुं दहीं कहे जे // 30 // घय-घृत | सरिसव-शरशवर्नु | चउ-चार पक्कन्न-पक्वान दहिया-दधि अयसि-अलसीनुं दवगुड-द्रव्य गोल तिल्ल-तेलमा उहिविणा-उंटडीना विना / लट्ट-कावरी पिंडगुडा-पिंडरूप गोल | घयतलियं-घृतमा तलेलं तिल-तिल- . | तिल्ल-तेल waavanavaanavanapanasanvasavaravasawaawarmvaree /aNEYONDER Jain Education international www.jainelibrary.org For Personal & Private Use Only