________________ meanesamananews/toshop/SUtsaaaaama कह्या. तेनी साथे पूर्वे कहेला शोल श्रागार मेलवीये, तेवारे सर्व मली वावीश आगारोनी संख्या थाय. // 27 // अहींयां प्रत्येक आगारे वा शब्द मूकेलो ले ते एक एकथी बीजा बीजामा विशेष देखावा ने माटे , एटले लेपथी अलेप विशेष, अलेपथी अब विशेष, अछथी बहुलेप विशेष, बहुलेपथी | ससिब विशेष, ससिबथी असिव विशेष जाणवो, परंतु लेपादिकनुं पाणी लीये, तो पण उपवासा | दिकनो भंग थाय नही. ति नावः // ए प्रकारे अपुनरुक्त एटले फरी न उच्चरीये एवा बावीश | आगारोना अर्थनुं व्याख्यान लेशथी देखाम्यु. ए श्रागारोना अर्थ- चोथु छार पूर्ण थयु. उत्तर बोल चालीश थया // हवे दश विगश्ना स्वरूप, पांचमुं धार कहे जे. Vetics/ MPORJASIDAONDBOBaste For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org Jain Education international