________________ naaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaavesex महत्तरागारेणं, पांचमो सबसमाहि वत्तियागारेणं, ए पांच आगार उपवासना पच्चरकाणने विषे जाणवा. तथा अचित्त पाणीपीवे तेने पाणस्सना पच्चख्खाणने विषे लेवेणवा अलेवेणवा. अलेण वा बटुलेवेणवा, ससिलेणवा, असिणवा, ए लेपादिक ब आगार जाणवा, तथा एक अन्नबणानोगणं, बीजो सहस्सागारेणं, त्रीजो महत्तरागारेणं, चोथो सव समाहिवत्तियागारेणं ए चार श्रागार ते दिवसचरिमना पच्चरकाणने विषे तथा अंगुहमतिसहियादिक अनिग्रहना पच्चरकाणने विषे जाणवा // 1 // पच्चरकाणना श्रागारोनी संख्याना यंत्रनी स्थापना. अंक पच्चरकाणनां नाम संख्या . श्रागारोनां नाम. 1 नोकारसी. 2 अन्न० // सह०॥ पोरिसी. |6 अन्न० // सह // पछन्न // दिसामो० // साहु०॥ सव०॥ 3) साठ्ठपोरिसी. | 6 अन्न०॥ सह०॥ पन्छन्न०॥ दिसामो०॥ सादु०॥ सव०॥ VaravasanasaneemuVacan For Personal & Private Use Only www.ebay.org