________________ Noया प०भा० // 127 // m/amaam wamisamagamdeoactres/masasar मो, सव्व समाहिवत्तियागारेणं, ए यागार ते एकासण अने बियासणना पच्चख्खाणने विषे जाणवा. तथा एज थाठमांथी एक आउट्टणपसारेणं ए आगार विना शेष एकासणाने विषे जे कह्या ले तेज सात आगार ते एकलगणाना पच्चरकाणने विषे होय // 17 // जिहां जमणा हाथे जमे, मात्र कोलीया लेवानेज हाथ फेरवे, परंतु अंगोपांगने तो खरज खणवादिकने कामे पण हलावे नही ते एकलगणुं जाणवू // 15 // लेवा-लेवा लेवेणं पडुच्च-पडुच्च मख्खिएणं नव-नव अंबिले-आयंबिलना गिह-गिहथ्व संसद्धेगं विगइ-विंगइ पडुच्चविणु-पडुच्चमख्खिएणं अट्ठ-आठ उख्खित्त-उख्खित्त विवेगेणं निविगए-विविगइ' विना Pame/mPIRAVIDARVaruwntowNANDontaamana // 127 // अन्नसहलेवागिह, उख्खित्त पडुच्च पारिमहसव // विगइ निविगए नव, पडुच्च विणु अंबिले अट्ठ॥२०॥ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jamelibrary.org