________________ samvaadataavaavawa/dpotaweRAPASER/News करवानो विधि एटले पुर्वाचार्य परंपराये एमज कहेता श्राव्या , करवानो एहज विधि बे; माटे महोटा पुरुषः पण नथीलणता. जेम आवस्सियाए ए पाठ बीजा वांदणाने विषे कहेता नथी, ए पण पुर्वाचार्यनी परंपरा में तेम इहां पण जाणी लेईं // 5 // तह-तेमन / भमंति-भणे छे | दुविहाहारे-दुविहारना पच्च- तहय-तेमन तिविह-तिविहारना पाणग-पाणस्सना रूखाणे फासुजले-फासुपाणी पञ्चलखाणे-पञ्चस्खागमा / छ आगारा-छ आगार / अचित्तभोइणो-अचित्त भोजीने ... IN/ Aavatigeawayamayan तह तिविह पञ्चख्खाणे, भन्नंति अ पाणग छ आगारा // दुविहाहारे अचित्त-भोइणो तहय फासुजले // 10 // DAAGVdeusaNDanie/a/ चली दुविहार पचरूखाणमां अचित्त भो. D वमनातावहारना पचरूखाणभां पाणीना छ आगार को 'ना अने प्रामुक पाणीना छ आगार कहे छे. // 10 // Jain Education International For Personal & Private Use Only www.ainelibrary.org