________________ पभा० प०भा० शिक्षारूप ले. इत्यादिक घणो विचार ले ते प्रवचनसारोद्धारग्रंथनी वृत्तिथी जाणवो. अहीयां | // 112 // विशेषे करी लख्यो नथी. ___हवे पुरुष प्रमाण बाया जेहने विषे थाय ते पोरिसी जाणवी “आसाढमासे उपया" | इत्यादिक पाठ श्री उत्तराध्ययनादि सूत्रथी जाणवो. ए रीते नोकारसी, पोरिसी, दिन- पूर्वाई ते पुरिमर, एकासण, एकसगणुं, आयंबिल, उपवास, दिवसचरिम, अनिग्रह अने विग एवंदश पच्चस्काणना नामर्नु ए प्रथमहार थयु. | उत्तर नेद दश थया // 3 // __ हवे बीजे द्वारें पच्चरकाण करवानो पाठरूप विधि चार प्रकारें कहे . उग्गएमरे-उग्गएसूरे नमो-नमोकार सहि पच्चख्ख-पच्चरूखाण [स्मिटुं अभत्तईपच्चख्खाइ-अभत्तई अ-वली | पोरिसि-पोरिसि / रेउग्मएपुरिम-सूरेउग्गएपु- | इति-एम 3 शत-एम [पचरुखाइ amavataemeAGaravasaneemuPARODAMROWAnavarN wwwwwwnalodahatavaastavaneseameramae 122 // Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jamelibrary.org