________________ MBED/DPut/AMBEDD/a/क/09 हवे दश त्रिकनां नाम कहेछे. तिनि-त्रण पयाहिणा-प्रदक्षिणा देवी ।तिविहा-प्रण प्रकारनी अवत्थ-अवस्था निसिही-निसीही (कवी) तिनि-प्रणवार पूया-पूजा तिय-त्रण प्रकारे चेवय-निश्चे अ-वली भावणं-भारवी तिनिओ-त्रण पणामा-प्रणाम करने तहा-तेमज चेव-निश्चे तिन्नि निसिहि तिन्निओ, पयाहिणा तिनि चेव य पणामा॥ तिविहा पूया य तहा, अवत्थ तिय भावणं चेव // 6 // शब्दार्थ-१ त्रण निसिही, 2 त्रण प्रदक्षिणा अने 3 त्रण प्रणाम, 4 त्रण प्रकारनी पूजा, वली तेमज 5 त्रण अवस्थानुं भाव.। 6 // विस्तारार्थः-प्रथम देरासरें जातांत्रणवार नैषिधिकी कहेवी, बीजं देरासरेत्रण वली प्रदक्षिणा देवी, त्रीजी वणवार प्रणाम करीये, चोथो त्रण प्रकारनी अंगपूजादिक पूजा करवी, तथा वक्षी MUNIVaamana/aaa/Emathamom/auBABA /vaaru JainEducation.indernational For Personal Private Use Only