________________ Jana/ गुभा ADMINMaawinANWARRBonapart/swevarvawice हेतो पाउल पूंजतो एकवार पहेले वांदणे अवग्रहथी बाहेर निकले, अने बीजा वांदणामा प्रवेश करे पण फरी पाने बाहेर निकले नही, माटे बे वार पेसवु अने एकवार निकलवं मली त्रण थावश्यक थयां ते प्रर्वोक्त बावीश साथें मेलवतां पच्चीश श्रावश्यक ते कृतिकर्म करने विषे थाय // 10 // किइकम्म-कृतिकमने नहोइ-न थाय पणवीसा-पच्चीश हाणं-स्थानक पि-पण निजरा-निर्जरा अन्नयरं-अनेरुं एक पण विगतो-विराधतो कुणंतो-करतो छतो भागी-संविभागी साहु-साधु किइकम्मपि कुणंतो, नहोइ किइकम्मनिज्जरा भागी॥ पणवीसामन्नयरं, साहुठाणं विराहतो // 19 // दारं 10 शब्दार्थ- पचीस आवश्पकमांना एकनी पण विराधना करतो एवो साधु, कृतिकर्म करतो छतो पण ते कृतिकर्मनी निर्जर नो भागी यतो नथी. // 19 // द्वा. 10 // VisapatnaeemaDolenteers/AADIVASItaasses For Personal & Private se Only