________________ anertiaNAGAs/ // अथ श्री बालावबोध सहित // // श्रीगुरुवंदन भाष्य प्रारंभः // DARMEDARVAD//goo गुरूवंदणं-गुरुवंदन अह-अथ तिविहं-प्रण प्रकारे तं-ते फिट्टा-फेटा वंदन वादिकने विषे छोभ-योभ पढम-प्रथम बार सावत्तं-द्वादशावर्त वंदन पुण्णं-पूर्ण सिरनमणाइसु-मस्तक नमाड ख मासमण-खमासमण दुगि-वे बीयं-बीजुं IvanavamavtaarAIVARIVARA गुरुवंदण मह तिविहं, तं फिट्टा छोभ बारसावत्तं // सिर नमणाइसु पढम, पुण्णं खमासमण दुगि बीअं // 1 // /apnaD Tin E cation International For Personal & Private Use Only www.ainelibrary.org