________________ Perman en हवे ए पूर्वोक्त सर्व. बोल. जो आशातनानो. परिहार करे, तो सफल थाय; माटे चोवीशमुं दश आशातनानुं द्वार कहे . तंबोल-तांबूल मेहुण-मैथुन मुत्त-मात्रा / बजे-वर्जवां पाण-पाणी सुअण-सुबुं उच्चारं-वडी नीति जिणनाह-जिननाथ भोयण-भोजन निठवणं-धूकवू जूअं-जूवर्ल्ड जगई-जगतोने विषे वाणह-खासडां draprastreetsavdhaavavetaste तंबोल पाण भोयण, वाहण मेहुन्न सुअणनिठ्ठवणं // मुत्तुच्चारं जुअं, वज्झे जिणनाह झगईए // 61 // VAANBRavatpavavinavratreptempetrataavraat शब्दार्थ- तंबोल खावू, पाणी पीg, भोजन करवू, जोडा पहेरवा, कामचेष्टा करवी, शयन करवू, थुकवू, लघु नीति | करवी, वडीनीति करवी अने जूपटुं रमवू, ए दश आशातना जिनमदिरमा त्यजवी.। 61 // विस्तारार्थः-प्रथम याशातना शब्दनो अर्थ करे जे. जे ज्ञान: दर्शन अने चारित्रनो श्राय Inn Education international For Personal & Private Use Only www.janebryong