________________ वै०भा० भा० // 54 // HAMARTHATANTVederatisaweRADESeasonRAATMASwaves हवे श्रीवीतरागनुं स्तवन केवा प्रकारे कहेवु ? तेनुं बावीशमुं द्वार कहे . मेघनी पेरें / गंजीर अने मधुर शब्द डे जिहां अने वली महा अर्थयुक्त नक्ति, ज्ञान, वैराग्य अने आत्मानंदादि दशायुक्त एवं श्रीवीतरागर्नु स्तुत एटले स्तवन होय. ए स्तवन नणवानुं बावीशमुं हार थयु. उत्तर बोल 2057 थया // 57 // हवे चैत्यवंदन एक दिवसमा केटलीवार करवू ? तेनुं त्रेवीशर्मु कार कहे . पडिकमणे-प्रतिक्रमण / चरिम-पाछले दीवसे / पडिबोहे-जाग्या पछी / जइणो-यतिने.. चेइय-दहेरामा पडिक्कमण-प्रतिक्रमण . चिइवंदण-चैत्यवंदन सत्तउवेला-सात वेला जिमण-जमती वखते मुअण-मृती वखते इअ-ए | अहोरत्ते-एक अहोरात्र मध्ये पडिकमणेचेइयजिमण, चरिमपडिक्कमणसुअणपडिबोहे॥ चिइवंदण इअ जइणो, सत्तउवेला अहोरत्ते // 59 // awaavanavamiANWADIOUPARBeteesaAWAasatsan 54 // For Personal Private Use Only