SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 11
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३१. प्राकृत भाषाओं का भाषागत वैशिष्ट्य १. पालि भाषा - क) पालि और प्राकृत ख) पालि-प्राकृत में समानतायें . ग) पालि-गद्य का उदाहरण घ) पालि धम्मपद की गाथाओं का उदाहरण २. मागधी प्राकृत क) मागधी प्राकृत की सामान्य विशेषतायें ख) मागधी प्राकृत का उदाहरण - प्रत्यभिज्ञानकम् ग) मागधी गाथा का उदाहरण ३. अर्धमागधी प्राकृत क) अर्धमागधी की कतिपय विशेषतायें .. . ६० ख) अर्धमागधी प्राकृत का प्रमुख आगम साहित्य - ६० १. अंग आगम साहित्य, २. उपांग आगम साहित्य, ३. मूलसूत्र, ४. छेदसूत्र, ५. प्रकीर्णक, ६. दो चूलिका-सूत्र, . ७. व्याख्या साहित्य ग) अर्धमागधी-गद्य का उदाहरण घ) अर्धमागधी-गाथाओं का उदाहरण ४.शौरसेनी प्राकृत क) नाटकों की शौरसेनी ख) नाटकों और जैनसिद्धान्त ग्रन्थों की शौरसेनी ग) शौरसेनी की भाषागत प्रमुख विशेषतायें घ) शौरसेनी प्राकृत का उपलब्ध प्रमुख साहित्य ङ) शौरसेनी प्राकृत गद्यांश का उदाहरण च) शौरसेनी-गाथाओं के उदाहरण Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004257
Book TitlePrakrit Bhasha Vimarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPhoolchand Jain Premi
PublisherB L Institute of Indology
Publication Year2013
Total Pages160
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy