________________
प्रो. सागरमल जैन एवं डॉ. सुरेश सिसोदिया : 255
11. आवश्यक, पृ.- 27 12. व्यवहारसूत्र भाष्य, 10-536 13. भगवती, शतक-7 14. (क) नंदीसूत्र-54, सं. मधुकर मुनि, पृ. 185
(ख) समवायांग, पृ.- 185 15. वही, पृ.- 185 16. धवला, पृ. 103, संपा., पं. हीरालाल जैन 17. (क) जयधवला, सूत्र-75, पृ.93 खण्ड-1, भा दि जै सं., मथुरा
(ख) नंदी टीका, पृ. 229 18. अनुत्तरोपपातिक- परिशिष्ट, टिप्पणी पृ. 62 19. ज्ञाताधर्मकथा 1/1, निरयावली 23, अनु 11/1 त्रिषष्ठिशलाका.
-10/9
20. ज्ञाताधर्मकथा 1/1 21. भरतेश्वर बाहुबली वृत्ति पत्र-3-8 22. ज्ञाता - 1/11 23. निरयावली-1 24. (क). आवश्यक चूर्णि उत्तरार्धपत्र 159- 163,
(ख) त्रिषष्ठिशलाकापुरूषचरित्र 10-11-124 से 293 25. धर्मरत्नप्रकरण अभयकुमार कथा 1/130 26. सूत्रकृतांग नियुक्ति, टीका 2/6/136 27. योगशास्त्र स्वोपज्ञवृत्ति 1/30 पृ. 91-95 28. मज्झिमनिकाय, प्रकरण 76 29. संयुक्तनिकाय, अभयसुत्त 44/6/6 30. धम्मपद अट्ठकथा 13/4 31. थेरगाथा अट्ठकथा 1/58 32. थेर गाथा 26, थेरगाथा अटुकथा खण्ड 1,पृ. 83-84.
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org