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________________ 192 : अंग साहित्य मनन और मीमांसा 40. अणुव्रतोऽगारी । - तत्वार्थसूत्र, 7/15 41. उवासगदसाओ, (मधुकर मुनि), 1/14-75 42. स्थानांग (मधुकर मुनि), 5/1/2 43. समवायांग (मधुकर मुनि), 11 /71 44. . आवश्यकसूत्र (मधुकर मुनि), चतुर्थ अध्ययन, पृ. 39,40,पृ. - वसुनंदिश्रावकाचार, सूत्र 205 99-106 45. तत्वार्थसूत्र, 7/20,21 आगे तक 46. योगशास्त्र, द्वितीय एवं तृतीय प्रकाश 47. चारित्रसार, 13/7, 48. वसुनंदि श्रावकाचार, 207 49. सागारधर्मामृत, 2/16 50. . विरतिं स्थूलहिंसादेर्द्विविधत्रिविधादिना । अहिंसादीनि पंचाणुव्रतानि जगदुर्जिनाः । 51. सागारधर्मामृत, 4/5 52. पाणवध-मुसावाद - दत्तादान परदारगमणेहिं । अपरिमिदिच्छादो वि अ अणुव्वयाइ विरमणा । 59. रत्नकरंडक श्रावकाचार, 3/9 60. उवासगदसाओ, 1 /46 भगवती आराधना, 2080 53. एत्थसत्थं असमारम्भमाणस्स इच्चेते आरम्भा परिण्णाया भवन्ति। - आचारांग, 1/4/36 54. प्रमत्तयोगात् प्ाणण्यपरोपणं हिंसा । - तत्वार्थसूत्र, 7/13 55. उवासगदसाओ, 1 / 13 56. उवासगदसाओ, 1/45; तत्वार्थसूत्र, 7/25 57. पुरूषार्थसिद्धयुपाय, 91 58. तत्वार्थसूत्र, विवेचन पं. सुखलाल संघवी, पृ. 176, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी, 1993 Jain Education International - योगशास्त्र, 2/18 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004256
Book TitleAng Sahitya Manan aur Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Suresh Sisodiya
PublisherAgam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
Publication Year2002
Total Pages338
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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